وَاِذْ قُلْنَا لِلْمَلٰۤىِٕكَةِ اسْجُدُوْا لِاٰدَمَ فَسَجَدُوْٓا اِلَّآ اِبْلِيْسَۗ كَانَ مِنَ الْجِنِّ فَفَسَقَ عَنْ اَمْرِ رَبِّهٖۗ اَفَتَتَّخِذُوْنَهٗ وَذُرِّيَّتَهٗٓ اَوْلِيَاۤءَ مِنْ دُوْنِيْ وَهُمْ لَكُمْ عَدُوٌّۗ بِئْسَ لِلظّٰلِمِيْنَ بَدَلًا ( الكهف: ٥٠ )
Waith qulna lilmalaikati osjudoo liadama fasajadoo illa ibleesa kana mina aljinni fafasaqa 'an amri rabbihi afatattakhithoonahu wathurriyyatahu awliyaa min doonee wahum lakum 'aduwwun bisa lilththalimeena badalan (al-Kahf 18:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
याद करो जब हमने फ़रिश्तों से कहा, 'आदम को सजदा करो।' तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया। वह जिन्नों में से था। तो उसने अपने रब के आदेश का उल्लंघन किया। अब क्या तुम मुझसे इतर उसे और उसकी सन्तान को संरक्षक मित्र बनाते हो? हालाँकि वे तुम्हारे शत्रु है। क्या ही बुरा विकल्प है, जो ज़ालिमों के हाथ आया!
English Sahih:
And [mention] when We said to the angels, "Prostrate to Adam," and they prostrated, except for Iblees. He was of the jinn and departed from [i.e., disobeyed] the command of his Lord. Then will you take him and his descendants as allies other than Me while they are enemies to you? Wretched it is for the wrongdoers as an exchange. ([18] Al-Kahf : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (वह वक्त याद करो) जब हमने फ़रिश्तों को हुक्म दिया कि आदम को सजदा करो तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया (ये इबलीस) जिन्नात से था तो अपने परवरदिगार के हुक्म से निकल भागा तो (लोगों) क्या मुझे छोड़कर उसको और उसकी औलाद को अपना दोस्त बनाते हो हालॉकि वह तुम्हारा (क़दीमी) दुश्मन हैं ज़ालिमों (ने ख़ुदा के बदले शैतान को अपना दोस्त बनाया ये उन) का क्या बुरा ऐवज़ है