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وَالسَّلٰمُ عَلَيَّ يَوْمَ وُلِدْتُّ وَيَوْمَ اَمُوْتُ وَيَوْمَ اُبْعَثُ حَيًّا   ( مريم: ٣٣ )

And peace (be)
وَٱلسَّلَٰمُ
और सलामती है
on me
عَلَىَّ
मुझ पर
(the) day
يَوْمَ
जिस दिन
I was born
وُلِدتُّ
पैदा किया गया मैं
and (the) day
وَيَوْمَ
और जिस दिन
I will die
أَمُوتُ
मैं मरुँगा
and (the) Day
وَيَوْمَ
और जिस दिन
I will be raised
أُبْعَثُ
मैं उठाया जाऊँगा
alive"
حَيًّا
ज़िन्दा करके

Waalssalamu 'alayya yawma wulidtu wayawma amootu wayawma ob'athu hayyan (Maryam 19:33)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

सलाम है मुझपर जिस दिन कि मैं पैदा हुआ और जिस दिन कि मैं मरूँ और जिस दिन कि जीवित करके उठाया जाऊँ!'

English Sahih:

And peace is on me the day I was born and the day I will die and the day I am raised alive." ([19] Maryam : 33)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (खुदा की तरफ़ से) जिस दिन मैं पैदा हुआ हूँ और जिस दिन मरूँगा मुझ पर सलाम है और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा कर खड़ा किया जाऊँगा