وَلِلّٰهِ الْمَشْرِقُ وَالْمَغْرِبُ فَاَيْنَمَا تُوَلُّوْا فَثَمَّ وَجْهُ اللّٰهِ ۗ اِنَّ اللّٰهَ وَاسِعٌ عَلِيْمٌ ( البقرة: ١١٥ )
And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए हैं
(is) the east
ٱلْمَشْرِقُ
मशरिक़
and the west
وَٱلْمَغْرِبُۚ
और मग़रिब
so wherever
فَأَيْنَمَا
फिर जिस तरफ़
you turn
تُوَلُّوا۟
तुम मुँह करोगे
[so] there
فَثَمَّ
तो वहीं है
(is the) face
وَجْهُ
चेहरा
(of) Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह का
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Encompassing
وَٰسِعٌ
वुसअत वाला है
All-Knowing
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है
Walillahi almashriqu waalmaghribu faaynama tuwalloo fathamma wajhu Allahi inna Allaha wasi'un 'aleemun (al-Baq̈arah 2:115)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
पूरब और पश्चिम अल्लाह ही के है, अतः जिस ओर भी तुम रुख करो उसी ओर अल्लाह का रुख़ है। निस्संदेह अल्लाह बड़ा समाईवाला (सर्वव्यापी) सर्वज्ञ है
English Sahih:
And to Allah belongs the east and the west. So wherever you [might] turn, there is the Face of Allah. Indeed, Allah is all-Encompassing and Knowing. ([2] Al-Baqarah : 115)