اُحِلَّ لَكُمْ لَيْلَةَ الصِّيَامِ الرَّفَثُ اِلٰى نِسَاۤىِٕكُمْ ۗ هُنَّ لِبَاسٌ لَّكُمْ وَاَنْتُمْ لِبَاسٌ لَّهُنَّ ۗ عَلِمَ اللّٰهُ اَنَّكُمْ كُنْتُمْ تَخْتَانُوْنَ اَنْفُسَكُمْ فَتَابَ عَلَيْكُمْ وَعَفَا عَنْكُمْ ۚ فَالْـٰٔنَ بَاشِرُوْهُنَّ وَابْتَغُوْا مَا كَتَبَ اللّٰهُ لَكُمْ ۗ وَكُلُوْا وَاشْرَبُوْا حَتّٰى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الْاَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الْاَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِۖ ثُمَّ اَتِمُّوا الصِّيَامَ اِلَى الَّيْلِۚ وَلَا تُبَاشِرُوْهُنَّ وَاَنْتُمْ عَاكِفُوْنَۙ فِى الْمَسٰجِدِ ۗ تِلْكَ حُدُوْدُ اللّٰهِ فَلَا تَقْرَبُوْهَاۗ كَذٰلِكَ يُبَيِّنُ اللّٰهُ اٰيٰتِهٖ لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَتَّقُوْنَ ( البقرة: ١٨٧ )
Ohilla lakum laylata alssiyami alrrafathu ila nisaikum hunna libasun lakum waantum libasun lahunna 'alima Allahu annakum kuntum takhtanoona anfusakum fataba 'alaykum wa'afa 'ankum faalana bashiroohunna waibtaghoo ma kataba Allahu lakum wakuloo waishraboo hatta yatabayyana lakumu alkhaytu alabyadu mina alkhayti alaswadi mina alfajri thumma atimmoo alssiyama ila allayli wala tubashiroohunna waantum 'akifoona fee almasajidi tilka hudoodu Allahi fala taqrabooha kathalika yubayyinu Allahu ayatihi lilnnasi la'allahum yattaqoona (al-Baq̈arah 2:187)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारे लिए रोज़ो की रातों में अपनी औरतों के पास जाना जायज़ (वैध) हुआ। वे तुम्हारे परिधान (लिबास) हैं और तुम उनका परिधान हो। अल्लाह को मालूम हो गया कि तुम लोग अपने-आपसे कपट कर रहे थे, तो उसने तुमपर कृपा की और तुम्हें क्षमा कर दिया। तो अब तुम उनसे मिलो-जुलो और अल्लाह ने जो कुछ तुम्हारे लिए लिख रखा है, उसे तलब करो। और खाओ और पियो यहाँ तक कि तुम्हें उषाकाल की सफ़ेद धारी (रात की) काली धारी से स्पष्टा दिखाई दे जाए। फिर रात तक रोज़ा पूरा करो और जब तुम मस्जिदों में 'एतकाफ़' की हालत में हो, तो तुम उनसे न मिलो। ये अल्लाह की सीमाएँ हैं। अतः इनके निकट न जाना। इस प्रकार अल्लाह अपनी आयतें लोगों के लिए खोल-खोलकर बयान करता है, ताकि वे डर रखनेवाले बनें
English Sahih:
It has been made permissible for you the night preceding fasting to go to your wives [for sexual relations]. They are a clothing for you and you are a clothing for them. Allah knows that you used to deceive yourselves, so He accepted your repentance and forgave you. So now, have relations with them and seek that which Allah has decreed for you [i.e., offspring]. And eat and drink until the white thread of dawn becomes distinct to you from the black thread [of night]. Then complete the fast until the night [i.e., sunset]. And do not have relations with them as long as you are staying for worship in the mosques. These are the limits [set by] Allah, so do not approach them. Thus does Allah make clear His verses [i.e., ordinances] to the people that they may become righteous. ([2] Al-Baqarah : 187)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ताकि वह सीधी राह पर आ जाए (मुसलमानों) तुम्हारे वास्ते रोज़ों की रातों में अपनी बीवियों के पास जाना हलाल कर दिया गया औरतें (गोया) तुम्हारी चोली हैं और तुम (गोया उन के दामन हो) ख़ुदा ने देखा कि तुम (गुनाह) करके अपना नुकसान करते (कि ऑंख बचा के अपनी बीबी के पास चले जाते थे) तो उसने तुम्हारी तौबा क़ुबूल की और तुम्हारी ख़ता से दर गुज़र किया पस तुम अब उनसे हम बिस्तरी करो और (औलाद) जो कुछ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए (तक़दीर में) लिख दिया है उसे माँगों और खाओ और पियो यहाँ तक कि सुबह की सफेद धारी (रात की) काली धारी से आसमान पर पूरब की तरफ़ तक तुम्हें साफ नज़र आने लगे फिर रात तक रोज़ा पूरा करो और हाँ जब तुम मस्ज़िदों में एतेकाफ़ करने बैठो तो उन से (रात को भी) हम बिस्तरी न करो ये ख़ुदा की (मुअय्युन की हुई) हदे हैं तो तुम उनके पास भी न जाना यूँ खुल्लम खुल्ला ख़ुदा अपने एहकाम लोगों के सामने बयान करता है ताकि वह लोग (नाफ़रमानी से) बचें