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وَمِنْهُمْ مَّنْ يَّقُوْلُ رَبَّنَآ اٰتِنَا فِى الدُّنْيَا حَسَنَةً وَّفِى الْاٰخِرَةِ حَسَنَةً وَّقِنَا عَذَابَ النَّارِ   ( البقرة: ٢٠١ )

And from those
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
who
مَّن
जो
say
يَقُولُ
कहता है
"Our Lord!
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
Grant us
ءَاتِنَا
दे हमें
in
فِى
दुनिया में
the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
good
حَسَنَةً
भलाई
and in
وَفِى
और आख़िरत में
the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِ
और आख़िरत में
good
حَسَنَةً
भलाई
and save us
وَقِنَا
और बचा हमें
(from the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब से
(of) the Fire"
ٱلنَّارِ
आग के

Waminhum man yaqoolu rabbana atina fee alddunya hasanatan wafee alakhirati hasanatan waqina 'athaba alnnari (al-Baq̈arah 2:201)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उनमें कोई ऐसा है जो कहता है, 'हमारे रब! हमें प्रदान कर दुनिया में भी अच्छी दशा और आख़िरत में भी अच्छा दशा, और हमें आग (जहन्नम) की यातना से बचा ले।'

English Sahih:

But among them is he who says, "Our Lord, give us in this world [that which is] good and in the Hereafter [that which is] good and protect us from the punishment of the Fire." ([2] Al-Baqarah : 201)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया में नेअमत दे और आख़िरत में सवाब दे और दोज़ख़ की बाग से बचा