۞ يَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْخَمْرِ وَالْمَيْسِرِۗ قُلْ فِيْهِمَآ اِثْمٌ كَبِيْرٌ وَّمَنَافِعُ لِلنَّاسِۖ وَاِثْمُهُمَآ اَكْبَرُ مِنْ نَّفْعِهِمَاۗ وَيَسْـَٔلُوْنَكَ مَاذَا يُنْفِقُوْنَ ەۗ قُلِ الْعَفْوَۗ كَذٰلِكَ يُبَيِّنُ اللّٰهُ لَكُمُ الْاٰيٰتِ لَعَلَّكُمْ تَتَفَكَّرُوْنَۙ ( البقرة: ٢١٩ )
Yasaloonaka 'ani alkhamri waalmaysiri qul feehima ithmun kabeerun wamanafi'u lilnnasi waithmuhuma akbaru min naf'ihima wayasaloonaka matha yunfiqoona quli al'afwa kathalika yubayyinu Allahu lakumu alayati la'allakum tatafakkaroona (al-Baq̈arah 2:219)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुमसे शराब और जुए के विषय में पूछते है। कहो, 'उन दोनों चीज़ों में बड़ा गुनाह है, यद्यपि लोगों के लिए कुछ फ़ायदे भी है, परन्तु उनका गुनाह उनके फ़ायदे से कहीं बढकर है।' और वे तुमसे पूछते है, 'कितना ख़र्च करें?' कहो, 'जो आवश्यकता से अधिक हो।' इस प्रकार अल्लाह दुनिया और आख़िरत के विषय में तुम्हारे लिए अपनी आयते खोल-खोलकर बयान करता है, ताकि तुम सोच-विचार करो।
English Sahih:
They ask you about wine and gambling. Say, "In them is great sin and [yet, some] benefit for people. But their sin is greater than their benefit." And they ask you what they should spend. Say, "The excess [beyond needs]." Thus Allah makes clear to you the verses [of revelation] that you might give thought ([2] Al-Baqarah : 219)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुमसे लोग शराब और जुए के बारे में पूछते हैं तो तुम उन से कह दो कि इन दोनो में बड़ा गुनाह है और कुछ फायदे भी हैं और उन के फायदे से उन का गुनाह बढ़ के है और तुम से लोग पूछते हैं कि ख़ुदा की राह में क्या ख़र्च करे तुम उनसे कह दो कि जो तुम्हारे ज़रुरत से बचे यूँ ख़ुदा अपने एहकाम तुम से साफ़ साफ़ बयान करता है