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وَاِنْ كُنْتُمْ فِيْ رَيْبٍ مِّمَّا نَزَّلْنَا عَلٰى عَبْدِنَا فَأْتُوْا بِسُوْرَةٍ مِّنْ مِّثْلِهٖ ۖ وَادْعُوْا شُهَدَاۤءَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ   ( البقرة: ٢٣ )

And if
وَإِن
और अगर
you are
كُنتُمْ
हो तुम
in
فِى
किसी शक में
doubt
رَيْبٍ
किसी शक में
about what
مِّمَّا
उससे जो
We have revealed
نَزَّلْنَا
नाज़िल किया हमने
to
عَلَىٰ
अपने बन्दे पर
Our slave
عَبْدِنَا
अपने बन्दे पर
then produce
فَأْتُوا۟
पस ले आओ
a chapter
بِسُورَةٍ
कोई सूरत
[of]
مِّن
इस जैसी
like it
مِّثْلِهِۦ
इस जैसी
and call
وَٱدْعُوا۟
और बुला लो
your witnesses
شُهَدَآءَكُم
अपने गवाहों को
from
مِّن
सिवाय
other than
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
if
إِن
अगर
you are
كُنتُمْ
हो तुम
truthful
صَٰدِقِينَ
सच्चे

Wain kuntum fee raybin mimma nazzalna 'ala 'abdina fatoo bisooratin min mithlihi waod'oo shuhadaakum min dooni Allahi in kuntum sadiqeena (al-Baq̈arah 2:23)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और अगर उसके विषय में जो हमने अपने बन्दे पर उतारा हैं, तुम किसी सन्देह में न हो तो उस जैसी कोई सूरा ले आओ और अल्लाह से हटकर अपने सहायकों को बुला लो जिनके आ मौजूद होने पर तुम्हें विश्वास हैं, यदि तुम सच्चे हो

English Sahih:

And if you are in doubt about what We have sent down [i.e., the Quran] upon Our Servant [i.e., Prophet Muhammad (^)], then produce a Surah the like thereof and call upon your witnesses [i.e., supporters] other than Allah, if you should be truthful. ([2] Al-Baqarah : 23)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर तुम लोग इस कलाम से जो हमने अपने बन्दे (मोहम्मद) पर नाज़िल किया है शक में पड़े हो पस अगर तुम सच्चे हो तो तुम (भी) एक सूरा बना लाओ और खुदा के सिवा जो भी तुम्हारे मददगार हों उनको भी बुला लो