فَاِنْ لَّمْ تَفْعَلُوْا وَلَنْ تَفْعَلُوْا فَاتَّقُوا النَّارَ الَّتِيْ وَقُوْدُهَا النَّاسُ وَالْحِجَارَةُ ۖ اُعِدَّتْ لِلْكٰفِرِيْنَ ( البقرة: ٢٤ )
But if
فَإِن
फिर अगर
not
لَّمْ
ना
you do
تَفْعَلُوا۟
तुमने किया
and never
وَلَن
और हरगिज़ नहीं
will you do
تَفْعَلُوا۟
तुम कर सकोगे
then fear
فَٱتَّقُوا۟
पस डरो
the Fire
ٱلنَّارَ
उस आग से
whose
ٱلَّتِى
वो जो
[its] fuel
وَقُودُهَا
ईंधन हैं उसका
(is) [the] men
ٱلنَّاسُ
इन्सान
and [the] stones
وَٱلْحِجَارَةُۖ
और पत्थर
prepared
أُعِدَّتْ
तैयार की गई है
for the disbelievers
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
Fain lam taf'aloo walan taf'aloo faittaqoo alnnara allatee waqooduha alnnasu waalhijaratu o'iddat lilkafireena (al-Baq̈arah 2:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर अगर तुम ऐसा न कर सको और तुम कदापि नहीं कर सकते, तो डरो उस आग से जिसका ईधन इनसान और पत्थर हैं, जो इनकार करनेवालों के लिए तैयार की गई है
English Sahih:
But if you do not – and you will never be able to – then fear the Fire, whose fuel is people and stones, prepared for the disbelievers. ([2] Al-Baqarah : 24)