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وَلِلْمُطَلَّقٰتِ مَتَاعٌ ۢبِالْمَعْرُوْفِۗ حَقًّا عَلَى الْمُتَّقِيْنَ   ( البقرة: ٢٤١ )

And for the divorced women
وَلِلْمُطَلَّقَٰتِ
और तलाक़ याफ़्ता औरतों को
(is) a provision
مَتَٰعٌۢ
फ़ायदा पहुँचाना है
in a fair manner -
بِٱلْمَعْرُوفِۖ
भले तरीक़े से
a duty
حَقًّا
हक़ है
upon
عَلَى
मुत्तक़ी लोगों पर
the righteous
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों पर

Walilmutallaqati mata'un bialma'roofi haqqan 'ala almuttaqeena (al-Baq̈arah 2:241)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और तलाक़ पाई हुई स्त्रियों को सामान्य नियम के अनुसार (इद्दत की अवधि में) ख़र्च भी मिलना चाहिए। यह डर रखनेवालो पर एक हक़ है

English Sahih:

And for divorced women is a provision according to what is acceptable – a duty upon the righteous. ([2] Al-Baqarah : 241)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन औरतों को ताअय्युन मेहर और हाथ लगाए बगैर तलाक़ दे दी जाए उनके साथ जोड़े रुपए वगैरह से सुलूक करना लाज़िम है