تِلْكَ اٰيٰتُ اللّٰهِ نَتْلُوْهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ ۗ وَاِنَّكَ لَمِنَ الْمُرْسَلِيْنَ ۔ ( البقرة: ٢٥٢ )
These
تِلْكَ
ये
(are the) Verses
ءَايَٰتُ
आयात हैं
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
We recite them
نَتْلُوهَا
हम पढ़ते हैं उन्हें
to you
عَلَيْكَ
आप पर
in [the] truth
بِٱلْحَقِّۚ
साथ हक़ के
And indeed you
وَإِنَّكَ
और बेशक आप
(are) surely of
لَمِنَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं
the Messengers
ٱلْمُرْسَلِينَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं
Tilka ayatu Allahi natlooha 'alayka bialhaqqi wainnaka lamina almursaleena (al-Baq̈arah 2:252)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ये अल्लाह की सच्ची आयतें है जो हम तुम्हें (सोद्देश्य) सुना रहे है और निश्चय ही तुम उन लोगों में से हो, जो रसूस बनाकर भेजे गए है
English Sahih:
These are the verses of Allah which We recite to you, [O Muhammad], in truth. And indeed, you are from among the messengers. ([2] Al-Baqarah : 252)