जो लोग अपने माल अल्लाह के मार्ग में ख़र्च करते है, उनकी उपमा ऐसी है, जैसे एक दाना हो, जिससे सात बालें निकलें और प्रत्येक बाल में सौ दाने हो। अल्लाह जिसे चाहता है बढ़ोतरी प्रदान करता है। अल्लाह बड़ी समाईवाला, जाननेवाला है
English Sahih:
The example of those who spend their wealth in the way of Allah is like a seed [of grain] which grows seven spikes; in each spike is a hundred grains. And Allah multiplies [His reward] for whom He wills. And Allah is all-Encompassing and Knowing. ([2] Al-Baqarah : 261)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जो लोग अपने माल खुदा की राह में खर्च करते हैं उनके (खर्च) की मिसाल उस दाने की सी मिसाल है जिसकी सात बालियॉ निकलें (और) हर बाली में सौ (सौ) दाने हों और ख़ुदा जिसके लिये चाहता है दूना कर देता है और खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला (हर चीज़ से) वाक़िफ़ है
2 Azizul-Haqq Al-Umary
जो अल्लाह की राह में अपना धन दान करते हैं, उस (दान) की दशा उस एक दाने जैसी है, जिसने सात बालियाँ उगायी हों। (उसकी) प्रत्येक बाली में सौ दाने हों और अल्लाह जिसे चाहे और भी अधिक देता है तथा अल्लाह विशाल[1], ज्ञानी है।