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مَثَلُ الَّذِيْنَ يُنْفِقُوْنَ اَمْوَالَهُمْ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ كَمَثَلِ حَبَّةٍ اَنْۢبَتَتْ سَبْعَ سَنَابِلَ فِيْ كُلِّ سُنْۢبُلَةٍ مِّائَةُ حَبَّةٍ ۗ وَاللّٰهُ يُضٰعِفُ لِمَنْ يَّشَاۤءُ ۗوَاللّٰهُ وَاسِعٌ عَلِيْمٌ  ( البقرة: ٢٦١ )

Example
مَّثَلُ
मिसाल
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनकी जो
spend
يُنفِقُونَ
ख़र्च करते हैं
their wealth
أَمْوَٰلَهُمْ
अपने मालों को
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
(is) like
كَمَثَلِ
मानिन्द मिसाल
a grain
حَبَّةٍ
एक दाने के है
which grows
أَنۢبَتَتْ
उसने उगाईं
seven
سَبْعَ
सात
ears
سَنَابِلَ
बालियाँ
in
فِى
हर बाली में
each
كُلِّ
हर बाली में
ear
سُنۢبُلَةٍ
हर बाली में
hundred
مِّا۟ئَةُ
सौ
grain(s)
حَبَّةٍۗ
दाने
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
gives manifold
يُضَٰعِفُ
बढ़ाता है
to whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُۗ
वो चाहता है
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Encompassing
وَٰسِعٌ
वुसअत वाला है
All-Knowing
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है

Mathalu allatheena yunfiqoona amwalahum fee sabeeli Allahi kamathali habbatin anbatat sab'a sanabila fee kulli sunbulatin miatu habbatin waAllahu yuda'ifu liman yashao waAllahu wasi'un 'aleemun (al-Baq̈arah 2:261)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग अपने माल अल्लाह के मार्ग में ख़र्च करते है, उनकी उपमा ऐसी है, जैसे एक दाना हो, जिससे सात बालें निकलें और प्रत्येक बाल में सौ दाने हो। अल्लाह जिसे चाहता है बढ़ोतरी प्रदान करता है। अल्लाह बड़ी समाईवाला, जाननेवाला है

English Sahih:

The example of those who spend their wealth in the way of Allah is like a seed [of grain] which grows seven spikes; in each spike is a hundred grains. And Allah multiplies [His reward] for whom He wills. And Allah is all-Encompassing and Knowing. ([2] Al-Baqarah : 261)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो लोग अपने माल खुदा की राह में खर्च करते हैं उनके (खर्च) की मिसाल उस दाने की सी मिसाल है जिसकी सात बालियॉ निकलें (और) हर बाली में सौ (सौ) दाने हों और ख़ुदा जिसके लिये चाहता है दूना कर देता है और खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला (हर चीज़ से) वाक़िफ़ है