وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَآ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ࣖ ( البقرة: ٣٩ )
And those
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
who disbelieve[d]
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and deny
وَكَذَّبُوا۟
और झुठलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَآ
हमारी आयात को
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire;
ٱلنَّارِۖ
आग के
they
هُمْ
वो
in it
فِيهَا
उसमें
(will) abide forever"
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं
Waallatheena kafaroo wakaththaboo biayatina olaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (al-Baq̈arah 2:39)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वहीं आग में पड़नेवाले हैं, वे उसमें सदैव रहेंगे
English Sahih:
And those who disbelieve and deny Our signs – those will be companions of the Fire; they will abide therein eternally." ([2] Al-Baqarah : 39)