Skip to main content

وَكَذٰلِكَ اَنْزَلْنٰهُ قُرْاٰنًا عَرَبِيًّا وَّصَرَّفْنَا فِيْهِ مِنَ الْوَعِيْدِ لَعَلَّهُمْ يَتَّقُوْنَ اَوْ يُحْدِثُ لَهُمْ ذِكْرًا   ( طه: ١١٣ )

And thus
وَكَذَٰلِكَ
और इसी तरह
We have sent it down
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
(the) Quran
قُرْءَانًا
क़ुरआन
(in) Arabic
عَرَبِيًّا
अरबी
and We have explained
وَصَرَّفْنَا
और फेर-फेर कर लाए हम
in it
فِيهِ
उसमें
of
مِنَ
वईदों/तम्बीहात में से
the warnings
ٱلْوَعِيدِ
वईदों/तम्बीहात में से
that they may
لَعَلَّهُمْ
शायद की वो
fear
يَتَّقُونَ
वो डर जाऐं
or
أَوْ
या
it may cause
يُحْدِثُ
वो पैदा कर दे
[for] them
لَهُمْ
उनके लिए
remembrance
ذِكْرًا
कोई नसीहत

Wakathalika anzalnahu quranan 'arabiyyan wasarrafna feehi mina alwa'eedi la'allahum yattaqoona aw yuhdithu lahum thikran (Ṭāʾ Hāʾ 20:113)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और इस प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में अवतरित किया है और हमने इसमें तरह-तरह से चेतावनी दी है, ताकि वे डर रखें या यह उन्हें होश दिलाए

English Sahih:

And thus We have sent it down as an Arabic Quran and have diversified therein the warnings that perhaps they will avoid [sin] or it would cause them remembrance. ([20] Taha : 113)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हमने उसको उसी तरह अरबी ज़बान का कुरान नाज़िल फ़रमाया और उसमें अज़ाब के तरह-तरह के वायदे बयान किए ताकि ये लोग परहेज़गार बनें या उनके मिजाज़ में इबरत पैदा कर दे