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فَوَسْوَسَ اِلَيْهِ الشَّيْطٰنُ قَالَ يٰٓاٰدَمُ هَلْ اَدُلُّكَ عَلٰى شَجَرَةِ الْخُلْدِ وَمُلْكٍ لَّا يَبْلٰى   ( طه: ١٢٠ )

Then whispered
فَوَسْوَسَ
पस वसवसा डाला
to him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान ने
he said
قَالَ
कहा
"O Adam!
يَٰٓـَٔادَمُ
ऐ आदम
Shall
هَلْ
क्या
I direct you
أَدُلُّكَ
मैं रहनुमाई करुँ तुम्हारी
to
عَلَىٰ
दरख़्त पर
(the) tree
شَجَرَةِ
दरख़्त पर
(of) the Eternity
ٱلْخُلْدِ
हमेशगी के
and a kingdom
وَمُلْكٍ
और बादशाहत के
not
لَّا
जो ना पुरानी होगी
(that will) deteriorate?"
يَبْلَىٰ
जो ना पुरानी होगी

Fawaswasa ilayhi alshshaytanu qala ya adamu hal adulluka 'ala shajarati alkhuldi wamulkin la yabla (Ṭāʾ Hāʾ 20:120)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर शैतान ने उसे उकसाया। कहने लगा, 'ऐ आदम! क्या मैं तुझे शाश्वत जीवन के वृक्ष का पता दूँ और ऐसे राज्य का जो कभी जीर्ण न हो?'

English Sahih:

Then Satan whispered to him; he said, "O Adam, shall I direct you to the tree of eternity and possession that will not deteriorate?" ([20] Taha : 120)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो शैतान ने उनके दिल में वसवसा डाला (और) कहा ऐ आदम क्या मैं तम्हें (हमेशगी की ज़िन्दगी) का दरख्त और वह सल्तनत जो कभी ज़ाएल न हो बता दूँ