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الَّذِيْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّسَلَكَ لَكُمْ فِيْهَا سُبُلًا وَّاَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءًۗ فَاَخْرَجْنَا بِهٖٓ اَزْوَاجًا مِّنْ نَّبَاتٍ شَتّٰى   ( طه: ٥٣ )

The One Who
ٱلَّذِى
वो जिसने
made
جَعَلَ
बनाया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
(as) a bed
مَهْدًا
बिछौना
and inserted
وَسَلَكَ
और उसने जारी किया
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
therein
فِيهَا
उसमें
ways
سُبُلًا
रास्तों को
and sent down
وَأَنزَلَ
और उसने उतारा
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
water
مَآءً
पानी
then We (have) brought forth
فَأَخْرَجْنَا
फिर निकालीं हमने
with it
بِهِۦٓ
साथ उसके
pairs
أَزْوَٰجًا
कई अक़साम
of
مِّن
पोधौं में से
plants
نَّبَاتٍ
पोधौं में से
diverse
شَتَّىٰ
मुख़्तलिफ़

Allathee ja'ala lakumu alarda mahdan wasalaka lakum feeha subulan waanzala mina alssamai maan faakhrajna bihi azwajan min nabatin shatta (Ṭāʾ Hāʾ 20:53)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना (बिछौना) बनाया और उसने तुम्हारे लिए रास्ते निकाले और आकाश से पानी उतारा। फिर हमने उसके द्वारा विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे निकाले

English Sahih:

[It is He] who has made for you the earth as a bed [spread out] and inserted therein for you roadways and sent down from the sky, rain and produced thereby categories of various plants. ([20] Taha : 53)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह वही है जिसने तुम्हारे (फ़ायदे के) वास्ते ज़मीन को बिछौना बनाया और तुम्हारे लिए उसमें राहें निकाली और उसी ने आसमान से पानी बरसाया फिर (खुदा फरमाता है कि) हम ही ने उस पानी के ज़रिए से मुख्तलिफ़ क़िस्मों की घासे निकाली