لَا يَحْزُنُهُمُ الْفَزَعُ الْاَكْبَرُ وَتَتَلَقّٰىهُمُ الْمَلٰۤىِٕكَةُۗ هٰذَا يَوْمُكُمُ الَّذِيْ كُنْتُمْ تُوْعَدُوْنَ ( الأنبياء: ١٠٣ )
Not
لَا
ना ग़मगीन करेगी उन्हें
will grieve them
يَحْزُنُهُمُ
ना ग़मगीन करेगी उन्हें
the terror
ٱلْفَزَعُ
घबराहट
[the] greatest
ٱلْأَكْبَرُ
बड़ी
and will meet them
وَتَتَلَقَّىٰهُمُ
और इस्तक़बाल करेंगे उनका
the Angels
ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
फ़रिश्ते
"This
هَٰذَا
ये है
(is) your Day
يَوْمُكُمُ
दिन तुम्हारा
which
ٱلَّذِى
वो जो
you were
كُنتُمْ
थे तुम
promised"
تُوعَدُونَ
तुम वादा दिए जाते
La yahzunuhumu alfaza'u alakbaru watatalaqqahumu almalaikatu hatha yawmukumu allathee kuntum too'adoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:103)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह सबसे बड़ी घबराहट उन्हें ग़म में न डालेगी। फ़रिश्ते उनका स्वागत करेगें, 'यह तुम्हारा वही दिन है, जिसका तुमसे वादा किया जाता रहा है।'
English Sahih:
They will not be grieved by the greatest terror, and the angels will meet them, [saying], "This is your Day which you have been promised" – ([21] Al-Anbya : 103)