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لَا يَسْمَعُوْنَ حَسِيْسَهَاۚ وَهُمْ فِيْ مَا اشْتَهَتْ اَنْفُسُهُمْ خٰلِدُوْنَ ۚ  ( الأنبياء: ١٠٢ )

Not
لَا
नहीं वो सुनेंगे
they will hear
يَسْمَعُونَ
नहीं वो सुनेंगे
(the) slightest sound of it
حَسِيسَهَاۖ
उसकी आहट को
and they
وَهُمْ
और वो
in
فِى
उसमें जो
what
مَا
उसमें जो
desire
ٱشْتَهَتْ
ख़्वाहिश करेंगे
their souls
أَنفُسُهُمْ
नफ़्स उनके
will abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

La yasma'oona haseesaha wahum fee ma ishtahat anfusuhum khalidoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:102)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे उसकी आहट भी नहीं सुनेंगे और अपनी मनचाही चीज़ों के मध्य सदैव रहेंगे

English Sahih:

They will not hear its sound, while they are, in that which their souls desire, abiding eternally. ([21] Al-Anbya : 102)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(यहाँ तक) कि ये लोग उसकी भनक भी न सुनेंगे और ये लोग हमेशा अपनी मनमाँगी मुरादों में (चैन से) रहेंगे