وَمَآ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا رَحْمَةً لِّلْعٰلَمِيْنَ ( الأنبياء: ١٠٧ )
And not
وَمَآ
और नहीं
We have sent you
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
but
إِلَّا
मगर
(as) a mercy
رَحْمَةً
रहमत बना कर
for the worlds
لِّلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए
Wama arsalnaka illa rahmatan lil'alameena (al-ʾAnbiyāʾ 21:107)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने तुम्हें सारे संसार के लिए बस एक सर्वथा दयालुता बनाकर भेजा है
English Sahih:
And We have not sent you, [O Muhammad], except as a mercy to the worlds. ([21] Al-Anbya : 107)