Skip to main content

قُلْ مَنْ يَّكْلَؤُكُمْ بِالَّيْلِ وَالنَّهَارِ مِنَ الرَّحْمٰنِۗ بَلْ هُمْ عَنْ ذِكْرِ رَبِّهِمْ مُّعْرِضُوْنَ   ( الأنبياء: ٤٢ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Who
مَن
कौन
(can) protect you
يَكْلَؤُكُم
निग्हबानी कर रहा है तुम्हारी
in the night
بِٱلَّيْلِ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارِ
और दिन को
from
مِنَ
रहमान से
the Most Gracious?"
ٱلرَّحْمَٰنِۗ
रहमान से
Yet
بَلْ
बल्कि
they
هُمْ
वो
from
عَن
ज़िक्र से
(the) remembrance
ذِكْرِ
ज़िक्र से
(of) their Lord
رَبِّهِم
अपने रब के
turn away
مُّعْرِضُونَ
ऐराज़ करने वाले हैं

Qul man yaklaokum biallayli waalnnahari mina alrrahmani bal hum 'an thikri rabbihim mu'ridoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:42)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो कि 'कौन रहमान के मुक़ाबले में रात-दिन तुम्हारी रक्षा करेगा? बल्कि बात यह है कि वे अपने रब की याददिहानी से कतरा रहे है

English Sahih:

Say, "Who can protect you at night or by day from the Most Merciful?" But they are, from the remembrance of their Lord, turning away. ([21] Al-Anbya : 42)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि खुदा (के अज़ाब) से (बचाने में) रात को या दिन को तुम्हारा कौन पहरा दे सकता है उस पर डरना तो दर किनार बल्कि ये लोग अपने परवरदिगार की याद से मुँह फेरते हैं