وَلَىِٕنْ مَّسَّتْهُمْ نَفْحَةٌ مِّنْ عَذَابِ رَبِّكَ لَيَقُوْلُنَّ يٰوَيْلَنَآ اِنَّا كُنَّا ظٰلِمِيْنَ ( الأنبياء: ٤٦ )
And if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
touches them
مَّسَّتْهُمْ
छू जाए
a whiff
نَفْحَةٌ
एक झोंका
of
مِّنْ
अज़ाब से
(the) punishment
عَذَابِ
अज़ाब से
(of) your Lord
رَبِّكَ
आपके रब के
surely they will say
لَيَقُولُنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर कहेंगे
"O woe to us!
يَٰوَيْلَنَآ
हाय अफ़सोस हम पर
Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
[we] were
كُنَّا
थे हम ही
wrongdoers"
ظَٰلِمِينَ
ज़लिम
Walain massathum nafhatun min 'athabi rabbika layaqoolunna ya waylana inna kunna thalimeena (al-ʾAnbiyāʾ 21:46)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम्हारे रब की यातना का कोई झोंका भी उन्हें छू जाए तो वे कहन लगे, 'हाय, हमारा दुर्भाग्य! निस्संदेह हम ज़ालिम थे।'
English Sahih:
And if [as much as] a whiff of the punishment of your Lord should touch them, they would surely say, "O woe to us! Indeed, we have been wrongdoers." ([21] Al-Anbya : 46)