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وَنَجَّيْنٰهُ وَلُوْطًا اِلَى الْاَرْضِ الَّتِيْ بٰرَكْناَ فِيْهَا لِلْعٰلَمِيْنَ   ( الأنبياء: ٧١ )

And We delivered him
وَنَجَّيْنَٰهُ
और निजात दी हमने उसे
and Lut
وَلُوطًا
और लूत को
to
إِلَى
तरफ़ उस ज़मीन के
the land
ٱلْأَرْضِ
तरफ़ उस ज़मीन के
which
ٱلَّتِى
वो जो
We (had) blessed
بَٰرَكْنَا
बरकत रखी हमने
[in it]
فِيهَا
उसमें
for the worlds
لِلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए

Wanajjaynahu walootan ila alardi allatee barakna feeha lil'alameena (al-ʾAnbiyāʾ 21:71)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हम उसे और लूत को बचाकर उस भूभाग की ओर निकाल ले गए, जिसमें हमने दुनियावालों के लिए बरकतें रखी थीं

English Sahih:

And We delivered him and Lot to the land which We had blessed for the worlds [i.e., peoples]. ([21] Al-Anbya : 71)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम ने ही इबराहीम और लूत को (सरकशों से) सही व सालिम निकालकर इस सर ज़मीन (शाम बैतुलमुक़द्दस) में जा पहुँचाया जिसमें हमने सारे जहाँन के लिए तरह-तरह की बरकत अता की थी