न उनके माँस अल्लाह को पहुँचते है और न उनके रक्त। किन्तु उसे तुम्हारा तक़वा (धर्मपरायणता) पहुँचता है। इस प्रकार उसने उन्हें तुम्हारे लिए वशीभूत किया है, ताकि तुम अल्लाह की बड़ाई बयान करो, इसपर कि उसने तुम्हारा मार्गदर्शन किया और सुकर्मियों को शुभ सूचना दे दो
English Sahih:
Their meat will not reach Allah, nor will their blood, but what reaches Him is piety from you. Thus have We subjected them to you that you may glorify Allah for that [to] which He has guided you; and give good tidings to the doers of good. ([22] Al-Hajj : 37)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
खुदा तक न तो हरगिज़ उनके गोश्त ही पहुँचेगे और न खून मगर (हाँ) उस तक तुम्हारी परहेज़गारी अलबत्ता पहुँचेगी ख़ुदा ने जानवरों को (इसलिए) यूँ तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है ताकि जिस तरह खुदा ने तुम्हें बनाया है उसी तरह उसकी बड़ाई करो
2 Azizul-Haqq Al-Umary
नहीं पहुँचते अल्लाह को उनके माँस और न उनके रक्त, परन्तु उसे पहुँचता है तुम्हारा आज्ञा पालन। इसी प्रकार, उस (अल्लाह) ने उन (पशुओं) को तुम्हारे वश में कर दिया है, ताकि तुम अल्लाह की महिमा का वर्णन करो,[1] उस मार्गदर्शन पर जो तुम्हें दिया है और आप सत्कर्मियों को शुभ सूचना सुना दें।