اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِى الْاَرْضِ وَالْفُلْكَ تَجْرِيْ فِى الْبَحْرِ بِاَمْرِهٖۗ وَيُمْسِكُ السَّمَاۤءَ اَنْ تَقَعَ عَلَى الْاَرْضِ اِلَّا بِاِذْنِهٖۗ اِنَّ اللّٰهَ بِالنَّاسِ لَرَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ( الحج: ٦٥ )
Alam tara anna Allaha sakhkhara lakum ma fee alardi waalfulka tajree fee albahri biamrihi wayumsiku alssamaa an taqa'a 'ala alardi illa biithnihi inna Allaha bialnnasi laraoofun raheemun (al-Ḥajj 22:65)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने देखा नहीं कि धरती में जो कुछ भी है उसे अल्लाह ने तुम्हारे लिए वशीभूत कर रखा है और नौका को भी कि उसके आदेश से दरिया में चलती है, और उसने आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है। उसकी अनुज्ञा हो तो बात दूसरी है। निस्संदेह अल्लाह लोगों के हक़ में बड़ा करुणाशील, दयावान है
English Sahih:
Do you not see that Allah has subjected to you whatever is on the earth and the ships which run through the sea by His command? And He restrains the sky from falling upon the earth, unless by His permission. Indeed Allah, to the people, is Kind and Merciful. ([22] Al-Hajj : 65)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या तूने उस पर भी नज़र न डाली कि जो कुछ रूए ज़मीन में है सबको खुदा ही ने तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है और कश्ती को (भी) जो उसके हुक्म से दरिया में चलती है और वही तो आसमान को रोके हुए है कि ज़मीन पर न गिर पड़े मगर (जब) उसका हुक्म होगा (तो गिर पडेग़ा) इसमें शक नहीं कि खुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान व रहमवाला है