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مَا قَدَرُوا اللّٰهَ حَقَّ قَدْرِهٖۗ اِنَّ اللّٰهَ لَقَوِيٌّ عَزِيْزٌ   ( الحج: ٧٤ )

Not
مَا
नहीं
they (have) estimated
قَدَرُوا۟
उन्होंने क़द्र की
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
(with) due
حَقَّ
जैसे हक़ है
[His] estimation
قَدْرِهِۦٓۗ
उसकी क़द्र का
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) surely All-Strong
لَقَوِىٌّ
अलबत्ता बहुत क़ूव्वत वाला है
All-Mighty
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है

Ma qadaroo Allaha haqqa qadrihi inna Allaha laqawiyyun 'azeezun (al-Ḥajj 22:74)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने अल्लाह की क़द्र ही नहीं पहचानी जैसी कि उसकी क़द्र पहचाननी चाहिए थी। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त बलवान, प्रभुत्वशाली है

English Sahih:

They have not appraised Allah with true appraisal. Indeed, Allah is Powerful and Exalted in Might. ([22] Al-Hajj : 74)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

खुदा की जैसे क़द्र करनी चाहिए उन लोगों ने न की इसमें शक नहीं कि खुदा तो बड़ा ज़बरदस्त ग़ालिब है