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قَدْ كَانَتْ اٰيٰتِيْ تُتْلٰى عَلَيْكُمْ فَكُنْتُمْ عَلٰٓى اَعْقَابِكُمْ تَنْكِصُوْنَ ۙ  ( المؤمنون: ٦٦ )

Verily
قَدْ
तहक़ीक़
were
كَانَتْ
थीं
My Verses
ءَايَٰتِى
मोरी आयात
recited
تُتْلَىٰ
पढ़ी जातीं
to you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
but you used
فَكُنتُمْ
तो थे तुम
(to) on
عَلَىٰٓ
अपनी एड़ियों पर
your heels
أَعْقَٰبِكُمْ
अपनी एड़ियों पर
turn back
تَنكِصُونَ
तुम फिर जाते

Qad kanat ayatee tutla 'alaykum fakuntum 'ala a'qabikum tankisoona (al-Muʾminūn 23:66)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हें मेरी आयतें सुनाई जाती थीं, तो तुम अपनी एड़ियों के बल फिर जाते थे।

English Sahih:

My verses had already been recited to you, but you were turning back on your heels. ([23] Al-Mu'minun : 66)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(जब) हमारी आयतें तुम्हारे सामने पढ़ी जाती थीं तो तुम अकड़ते किस्सा कहते बकते हुए उन से उलटे पाँव फिर जाते