۞ يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّبِعُوْا خُطُوٰتِ الشَّيْطٰنِۗ وَمَنْ يَّتَّبِعْ خُطُوٰتِ الشَّيْطٰنِ فَاِنَّهٗ يَأْمُرُ بِالْفَحْشَاۤءِ وَالْمُنْكَرِۗ وَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ مَا زَكٰى مِنْكُمْ مِّنْ اَحَدٍ اَبَدًاۙ وَّلٰكِنَّ اللّٰهَ يُزَكِّيْ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَاللّٰهُ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌ ( النور: ٢١ )
Ya ayyuha allatheena amanoo la tattabi'oo khutuwati alshshaytani waman yattabi' khutuwati alshshaytani fainnahu yamuru bialfahshai waalmunkari walawla fadlu Allahi 'alaykum warahmatuhu ma zaka minkum min ahadin abadan walakinna Allaha yuzakkee man yashao waAllahu samee'un 'aleemun (an-Nūr 24:21)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! शैतान के पद-चिन्हों पर न चलो। जो कोई शैतान के पद-चिन्हों पर चलेगा तो वह तो उसे अश्लीलता औऱ बुराई का आदेश देगा। और यदि अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी दयालुता तुमपर न होती तो तुममें से कोई भी आत्म-विश्वास को प्राप्त न कर सकता। किन्तु अल्लाह जिसे चाहता है, सँवारता-निखारता है। अल्लाह तो सब कुछ सुनता, जानता है
English Sahih:
O you who have believed, do not follow the footsteps of Satan. And whoever follows the footsteps of Satan – indeed, he enjoins immorality and wrongdoing. And if not for the favor of Allah upon you and His mercy, not one of you would have been pure, ever, but Allah purifies whom He wills, and Allah is Hearing and Knowing. ([24] An-Nur : 21)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(तो तुम देखते क्या होता) ऐ ईमानदारों शैतान के क़दम ब क़दम न चलो और जो शख्स शैतान के क़दम ब क़दम चलेगा तो वह यक़ीनन उसे बदकारी और बुरी बात (करने) का हुक्म देगा और अगर तुम पर ख़ुदा का फ़ज़ल (व करम) और उसकी रहमत न होती तो तुममें से कोई भी कभी पाक साफ न होता मगर ख़ुदा तो जिसे चहता है पाक साफ कर देता है और ख़ुदा बड़ा सुनने वाला वाकिफकार है