Skip to main content

وَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ وَاَنَّ اللّٰهَ رَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ࣖ   ( النور: ٢٠ )

And if not
وَلَوْلَا
और अगर ना होता
(for the) Grace of Allah
فَضْلُ
फ़ज़ल
(for the) Grace of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
and His Mercy
وَرَحْمَتُهُۥ
और रहमत उसकी
And that
وَأَنَّ
और बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) Full of Kindness
رَءُوفٌ
बहुत शफ़्क़त करने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Walawla fadlu Allahi 'alaykum warahmatuhu waanna Allaha raoofun raheemun (an-Nūr 24:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि तुमपर अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी दयालुता न होती (तॊ अवश्य ही तुमपर यातना आ जाती) और यह कि अल्लाह बड़ा करुणामय, अत्यन्त दयावान है।

English Sahih:

And if it had not been for the favor of Allah upon you and His mercy... and because Allah is Kind and Merciful. ([24] An-Nur : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर ये बात न होती कि तुम पर ख़ुदा का फ़ज़ल (व करम) और उसकी रहमत से और ये कि ख़ुदा (अपने बन्दों पर) बड़ा शफीक़ मेहरबान है