Skip to main content

فَقُلْنَا اذْهَبَآ اِلَى الْقَوْمِ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَاۗ فَدَمَّرْنٰهُمْ تَدْمِيْرًا ۗ  ( الفرقان: ٣٦ )

Then We said
فَقُلْنَا
फिर कहा हमने
"Go both of you
ٱذْهَبَآ
दोनों जाओ
to
إِلَى
तरफ़ उस क़ौम के
the people
ٱلْقَوْمِ
तरफ़ उस क़ौम के
those who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
have denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Signs"
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
Then We destroyed them
فَدَمَّرْنَٰهُمْ
तो हलाक कर दिया हमने उन्हें
(with) destruction
تَدْمِيرًا
हलाक करना

Faqulna ithhaba ila alqawmi allatheena kaththaboo biayatina fadammarnahum tadmeeran (al-Furq̈ān 25:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और कहा कि 'तुम दोनों उन लोगों के पास जाओ जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया है।' अन्ततः हमने उन लोगों को विनष्ट करके रख दिया

English Sahih:

And We said, "Go both of you to the people who have denied Our signs." Then We destroyed them with [complete] destruction. ([25] Al-Furqan : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो हमने कहा तुम दोनों उन लोगों के पास जा जो हमारी (कुदरत की) निशानियों को झुठलाते हैं जाओ (और समझाओ जब न माने) तो हमने उन्हें खूब बरबाद कर डाला