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وَقَالُوْا مَالِ هٰذَا الرَّسُوْلِ يَأْكُلُ الطَّعَامَ وَيَمْشِيْ فِى الْاَسْوَاقِۗ لَوْلَآ اُنْزِلَ اِلَيْهِ مَلَكٌ فَيَكُوْنَ مَعَهٗ نَذِيْرًا ۙ  ( الفرقان: ٧ )

And they say
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Why does
مَالِ
क्या है
this
هَٰذَا
इस
Messenger
ٱلرَّسُولِ
रसूल को
eat
يَأْكُلُ
कि वो खाता है
[the] food
ٱلطَّعَامَ
खाना
and walk
وَيَمْشِى
और वो चलता है
in
فِى
बाज़ारों में
the markets?
ٱلْأَسْوَاقِۙ
बाज़ारों में
Why not
لَوْلَآ
क्यों नहीं
is sent down
أُنزِلَ
उतारा गया
to him
إِلَيْهِ
इस पर
an Angel
مَلَكٌ
कोई फ़रिश्ता
then he be
فَيَكُونَ
तो वो होता
with him
مَعَهُۥ
साथ उसके
a warner?
نَذِيرًا
डराने वाला

Waqaloo mali hatha alrrasooli yakulu altta'ama wayamshee fee alaswaqi lawla onzila ilayhi malakun fayakoona ma'ahu natheeran (al-Furq̈ān 25:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनका यह भी कहना है, 'इस रसूल को क्या हुआ कि यह खाना खाता है और बाज़ारों में चलता-फिरता है? क्यों न इसकी ओर कोई फ़रिश्ता उतरा कि वह इसके साथ रहकर सावधान करता?

English Sahih:

And they say, "What is this messenger that eats food and walks in the markets? Why was there not sent down to him an angel so he would be with him a warner? ([25] Al-Furqan : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन लोगों ने (ये भी) कहा कि ये कैसा रसूल है जो खाना खाता है और बाज़ारों में चलता है फिरता है उसके पास कोई फरिश्ता क्यों नहीं नाज़िल होता कि वह भी उसके साथ (ख़ुदा के अज़ाब से) डराने वाला होता