وَالَّذِيْنَ لَا يَشْهَدُوْنَ الزُّوْرَۙ وَاِذَا مَرُّوْا بِاللَّغْوِ مَرُّوْا كِرَامًا ( الفرقان: ٧٢ )
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वे जो
(do) not
لَا
नहीं वो गवाह बनते
bear witness
يَشْهَدُونَ
नहीं वो गवाह बनते
(to) the falsehood
ٱلزُّورَ
झूठ के
and when
وَإِذَا
और जब
they pass
مَرُّوا۟
वो गुज़र ते है
by futility
بِٱللَّغْوِ
लग़्व पर
they pass
مَرُّوا۟
वो गुज़र जाते हैं
(as) dignified ones
كِرَامًا
इज़्ज़त से
Waallatheena la yashhadoona alzzoora waitha marroo biallaghwi marroo kiraman (al-Furq̈ān 25:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो किसी झूठ और असत्य में सम्मिलित नहीं होते और जब किसी व्यर्थ के कामों के पास से गुज़रते है, तो श्रेष्ठतापूर्वक गुज़र जाते है,
English Sahih:
And [they are] those who do not testify to falsehood, and when they pass near ill speech, they pass by with dignity. ([25] Al-Furqan : 72)