وَاِنِّيْ مُرْسِلَةٌ اِلَيْهِمْ بِهَدِيَّةٍ فَنٰظِرَةٌ ۢبِمَ يَرْجِعُ الْمُرْسَلُوْنَ ( النمل: ٣٥ )
But indeed I am
وَإِنِّى
और बेशक मैं
going to send
مُرْسِلَةٌ
भेजने वाली हूँ
to them
إِلَيْهِم
तरफ़ उनके
a gift
بِهَدِيَّةٍ
एक हदिया
and see
فَنَاظِرَةٌۢ
फिर देखने वाली हूँ
with what
بِمَ
साथ किस चीज़ के
return
يَرْجِعُ
लौटते हैं
the messengers"
ٱلْمُرْسَلُونَ
भेजे हुए (क़ासिद)
Wainnee mursilatun ilayhim bihadiyyatin fanathiratun bima yarji'u almursaloona (an-Naml 27:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मैं उनके पास एक उपहार भेजती हूँ; फिर देखती हूँ कि दूत क्या उत्तर लेकर लौटते है।'
English Sahih:
But indeed, I will send to them a gift and see with what [reply] the messengers will return." ([27] An-Naml : 35)