قَالَ رَبِّ اِنِّيْ ظَلَمْتُ نَفْسِيْ فَاغْفِرْ لِيْ فَغَفَرَ لَهٗ ۗاِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِيْمُ ( القصص: ١٦ )
He said
قَالَ
कहा
"My Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Indeed I
إِنِّى
बेशक मैं
[I] have wronged
ظَلَمْتُ
ज़ुल्म किया मैं ने
my soul
نَفْسِى
अपनी जान पर
so forgive
فَٱغْفِرْ
पस बख़्श दे मुझे
[for] me"
لِى
पस बख़्श दे मुझे
Then He forgave
فَغَفَرَ
तो उसने बख़्श दिया
[for] him
لَهُۥٓۚ
उसे
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
He (is)
هُوَ
वो ही
the Oft-Forgiving
ٱلْغَفُورُ
बहुत बख़्शने वाला
the Most Merciful
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला
Qala rabbi innee thalamtu nafsee faighfir lee faghafara lahu innahu huwa alghafooru alrraheemu (al-Q̈aṣaṣ 28:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'ऐ मेरे रब, मैंने अपने आपपर ज़ुल्म किया। अतः तू मुझे क्षमा कर दे।' अतएव उसने उसे क्षमा कर दिया। निश्चय ही वही बड़ी क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
English Sahih:
He said, "My Lord, indeed I have wronged myself, so forgive me," and He forgave him. Indeed, He is the Forgiving, the Merciful. ([28] Al-Qasas : 16)