وَجَاۤءَ رَجُلٌ مِّنْ اَقْصَى الْمَدِيْنَةِ يَسْعٰىۖ قَالَ يٰمُوْسٰٓى اِنَّ الْمَلَاَ يَأْتَمِرُوْنَ بِكَ لِيَقْتُلُوْكَ فَاخْرُجْ اِنِّيْ لَكَ مِنَ النّٰصِحِيْنَ ( القصص: ٢٠ )
And came
وَجَآءَ
और आया
a man
رَجُلٌ
एक शख़्स
from
مِّنْ
आख़िरी किनारे से
(the) farthest end
أَقْصَا
आख़िरी किनारे से
(of) the city
ٱلْمَدِينَةِ
शहर के
running
يَسْعَىٰ
दौड़ता हुआ
He said
قَالَ
कहा
"O Musa!
يَٰمُوسَىٰٓ
ऐ मूसा
Indeed
إِنَّ
बेशक
the chiefs
ٱلْمَلَأَ
सरदार
are taking counsel
يَأْتَمِرُونَ
वो मशवरा कर रहे हैं
about you
بِكَ
तेरे बारे में
to kill you
لِيَقْتُلُوكَ
कि वो क़त्ल कर दें तुझे
so leave;
فَٱخْرُجْ
पस निकल जा
indeed I am
إِنِّى
बेशक मैं
to you
لَكَ
तेरे लिए
of
مِنَ
ख़ैर ख़्वाहों में से हूँ
the sincere advisors"
ٱلنَّٰصِحِينَ
ख़ैर ख़्वाहों में से हूँ
Wajaa rajulun min aqsa almadeenati yas'a qala ya moosa inna almalaa yatamiroona bika liyaqtulooka faokhruj innee laka mina alnnasiheena (al-Q̈aṣaṣ 28:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसके पश्चात एक आदमी नगर के परले सिरे से दौड़ता हुआ आया। उसने कहा, 'ऐ मूसा, सरदार तेरे विषय में परामर्श कर रहे हैं कि तुझे मार डालें। अतः तू निकल जा! मैं तेरा हितैषी हूँ।'
English Sahih:
And a man came from the farthest end of the city, running. He said, "O Moses, indeed the eminent ones are conferring over you [intending] to kill you, so leave [the city]; indeed, I am to you of the sincere advisors." ([28] Al-Qasas : 20)