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فَخَرَجَ مِنْهَا خَاۤىِٕفًا يَّتَرَقَّبُ ۖقَالَ رَبِّ نَجِّنِيْ مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ ࣖ   ( القصص: ٢١ )

So he left
فَخَرَجَ
तो वो निकला
from it
مِنْهَا
उससे
fearing
خَآئِفًا
डरते हुए
(and) vigilant
يَتَرَقَّبُۖ
ख़ुफ़िया टोह लगाते हुए
He said
قَالَ
कहा
"My Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Save me
نَجِّنِى
निजात दे मुझे
from
مِنَ
उन लोगों से
the people -
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
the wrongdoers"
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Fakharaja minha khaifan yataraqqabu qala rabbi najjinee mina alqawmi alththalimeena (al-Q̈aṣaṣ 28:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर वह वहाँ से डरता और ख़तरा भाँपता हुआ निकल खड़ा हुआ। उसने कहा, 'ऐ मेरे रब! मुझे ज़ालिम लोगों से छुटकारा दे।'

English Sahih:

So he left it, fearful and anticipating [apprehension]. He said, "My Lord, save me from the wrongdoing people." ([28] Al-Qasas : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मै तुमसे ख़ैरख्वाहाना (भलाइ के लिए) कहता हूँ ग़रज़ मूसा वहाँ से उम्मीद व बीम की हालत में निकल खडे हुए और (बारगाहे ख़ुदा में) अर्ज़ की परवरदिगार मुझे ज़ालिम लोगों (के हाथ) से नजात दे