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وَجَعَلْنٰهُمْ اَىِٕمَّةً يَّدْعُوْنَ اِلَى النَّارِۚ وَيَوْمَ الْقِيٰمَةِ لَا يُنْصَرُوْنَ   ( القصص: ٤١ )

And We made them
وَجَعَلْنَٰهُمْ
और बनाया हमने उन्हें
leaders
أَئِمَّةً
इमाम/राहनुमा
inviting
يَدْعُونَ
जो बुलाते थे
to
إِلَى
तरफ़ आग के
the Fire
ٱلنَّارِۖ
तरफ़ आग के
and (on the) Day
وَيَوْمَ
और दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
not
لَا
ना वो मदद दिए जाऐंगे
they will be helped
يُنصَرُونَ
ना वो मदद दिए जाऐंगे

Waja'alnahum aimmatan yad'oona ila alnnari wayawma alqiyamati la yunsaroona (al-Q̈aṣaṣ 28:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हमने उन्हें आग की ओर बुलानेवाले पेशवा बना दिया और क़ियामत के दिन उन्हें कोई सहायता प्राप्त न होगी

English Sahih:

And We made them leaders inviting to the Fire, and on the Day of Resurrection they will not be helped. ([28] Al-Qasas : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने उनको (गुमराहों का) पेशवा बनाया कि (लोगों को) जहन्नुम की तरफ बुलाते है और क़यामत के दिन (ऐसे बेकस होगें कि) उनको किसी तरह की मदद न दी जाएगी