اَفَمَنْ وَّعَدْنٰهُ وَعْدًا حَسَنًا فَهُوَ لَاقِيْهِ كَمَنْ مَّتَّعْنٰهُ مَتَاعَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ثُمَّ هُوَ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ مِنَ الْمُحْضَرِيْنَ ( القصص: ٦١ )
Afaman wa'adnahu wa'dan hasanan fahuwa laqeehi kaman matta'nahu mata'a alhayati alddunya thumma huwa yawma alqiyamati mina almuhdareena (al-Q̈aṣaṣ 28:61)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
भला वह व्यक्ति जिससे हमने अच्छा वादा किया है और वह उसे पानेवाला भी हो, वह उस व्यक्ति की तरह हो सकता है जिसे हमने सांसारिक जीवन की सामग्री दे दी हो, फिर वह क़ियामत के दिन पकड़कर पेश किया जानेवाला हो?
English Sahih:
Then is he whom We have promised a good promise which he will meet [i.e., obtain] like he for whom We provided enjoyment of worldly life [but] then he is, on the Day of Resurrection, among those presented [for punishment in Hell]? ([28] Al-Qasas : 61)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो क्या वह शख्स जिससे हमने (बेहश्त का) अच्छा वायदा किया है और वह उसे पाकर रहेगा उस शख्स के बराबर हो सकता है जिसे हमने दुनियावी ज़िन्दगी के (चन्द रोज़ा) फायदे अता किए हैं और फिर क़यामत के दिन (जवाब देही के वास्ते हमारे सामने) हाज़िर किए जाएँगें