وَلَيَحْمِلُنَّ اَثْقَالَهُمْ وَاَثْقَالًا مَّعَ اَثْقَالِهِمْ وَلَيُسْـَٔلُنَّ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ عَمَّا كَانُوْا يَفْتَرُوْنَ ࣖ ( العنكبوت: ١٣ )
But surely they will carry
وَلَيَحْمِلُنَّ
और अलबत्ता वो ज़रूर उठाऐंगे
their burdens
أَثْقَالَهُمْ
बोझ अपने
and burdens
وَأَثْقَالًا
और कई बोझ
with
مَّعَ
साथ
their burdens
أَثْقَالِهِمْۖ
अपने बोझों के
and surely they will be questioned
وَلَيُسْـَٔلُنَّ
और अलबत्ता वो ज़रूर पूछे जाऐंगे
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
about what
عَمَّا
उस चीज़ के बारे में जो
they used
كَانُوا۟
थे वो
(to) invent
يَفْتَرُونَ
वो गढ़ा करते
Walayahmilunna athqalahum waathqalan ma'a athqalihim walayusalunna yawma alqiyamati 'amma kanoo yaftaroona (al-ʿAnkabūt 29:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हाँ, अवश्य ही वे अपने बोझ भी उठाएँगे और अपने बोझों के साथ और बहुत-से बोझ भी। और क़ियामत के दिन अवश्य उनसे उसके विषय में पूछा जाएगा जो कुछ झूठ वे घड़ते रहे होंगे
English Sahih:
But they will surely carry their [own] burdens and [other] burdens along with their burdens, and they will surely be questioned on the Day of Resurrection about what they used to invent. ([29] Al-'Ankabut : 13)