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قُلْ كَفٰى بِاللّٰهِ بَيْنِيْ وَبَيْنَكُمْ شَهِيْدًاۚ يَعْلَمُ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا بِالْبَاطِلِ وَكَفَرُوْا بِاللّٰهِ اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ  ( العنكبوت: ٥٢ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Sufficient is
كَفَىٰ
काफ़ी है
Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह
between me
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
and between you
وَبَيْنَكُمْ
और दर्मियान तुम्हारे
(as) Witness
شَهِيدًاۖ
गवाह
He knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
what
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and the earth
وَٱلْأَرْضِۗ
और ज़मीन में है
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
in [the] falsehood
بِٱلْبَٰطِلِ
बातिल पर
and disbelieve
وَكَفَرُوا۟
और उन्होंने कुफ़्र किया
in Allah
بِٱللَّهِ
साथ अल्लाह के
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
they
هُمُ
वो
(are) the losers"
ٱلْخَٰسِرُونَ
जो ख़सारा पाने वाले हैं

Qul kafa biAllahi baynee wabaynakum shaheedan ya'lamu ma fee alssamawati waalardi waallatheena amanoo bialbatili wakafaroo biAllahi olaika humu alkhasiroona (al-ʿAnkabūt 29:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह गवाह के रूप में काफ़ी है।' वह जानता है जो कुछ आकाशों और धरती में है। जो लोग असत्य पर ईमान लाए और अल्लाह का इनकार किया वही है जो घाटे में है

English Sahih:

Say, "Sufficient is Allah between me and you as Witness. He knows what is in the heavens and earth. And they who have believed in falsehood and disbelieved in Allah – it is those who are the losers." ([29] Al-'Ankabut : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तुम कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान गवाही के वास्ते ख़ुदा ही काफी है जो सारे आसमान व ज़मीन की चीज़ों को जानता है-और जिन लोगों ने बातिल को माना और ख़ुदा से इन्कार किया वही लोग बड़े घाटे में रहेंगे