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وَمَا هٰذِهِ الْحَيٰوةُ الدُّنْيَآ اِلَّا لَهْوٌ وَّلَعِبٌۗ وَاِنَّ الدَّارَ الْاٰخِرَةَ لَهِيَ الْحَيَوَانُۘ لَوْ كَانُوْا يَعْلَمُوْنَ  ( العنكبوت: ٦٤ )

And not
وَمَا
और नहीं
(is) this
هَٰذِهِ
ये
life
ٱلْحَيَوٰةُ
ज़िन्दगी
(of) the world
ٱلدُّنْيَآ
दुनिया की
but
إِلَّا
मगर
amusement
لَهْوٌ
शुग़ल
and play
وَلَعِبٌۚ
और खेल
And indeed
وَإِنَّ
और बेशक
the Home
ٱلدَّارَ
घर
(of) the Hereafter -
ٱلْءَاخِرَةَ
आख़िरत का
surely it
لَهِىَ
अलबत्ता वो ही
(is) the life
ٱلْحَيَوَانُۚ
ज़िन्दगी है
if only
لَوْ
काश
they
كَانُوا۟
होते वो
know
يَعْلَمُونَ
वो इल्म रखते

Wama hathihi alhayatu alddunya illa lahwun wala'ibun wainna alddara alakhirata lahiya alhayawanu law kanoo ya'lamoona (al-ʿAnkabūt 29:64)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यह सांसारिक जीवन तो केवल दिल का बहलावा और खेल है। निस्संदेह पश्चात्वर्ती घर (का जीवन) ही वास्तविक जीवन है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते!

English Sahih:

And this worldly life is not but diversion and amusement. And indeed, the home of the Hereafter – that is the [eternal] life, if only they knew. ([29] Al-'Ankabut : 64)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये दुनिया की ज़िन्दगी तो खेल तमाशे के सिवा कुछ नहीं और मगर ये लोग समझें बूझें तो इसमे शक नहीं कि अबदी ज़िन्दगी (की जगह) तो बस आख़ेरत का घर है (बाक़ी लग़ो)