Skip to main content

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِنْ تُطِيْعُوْا فَرِيْقًا مِّنَ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ يَرُدُّوْكُمْ بَعْدَ اِيْمَانِكُمْ كٰفِرِيْنَ   ( آل عمران: ١٠٠ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe[d]!
ءَامَنُوٓا۟
जो ईमान लाए हो
If
إِن
अगर
you obey
تُطِيعُوا۟
तुम इताअत करोगे
a group
فَرِيقًا
एक गिरोह की
from
مِّنَ
उनमें से जो
those who
ٱلَّذِينَ
उनमें से जो
were given
أُوتُوا۟
दिए गए
the Book
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
they will turn you back
يَرُدُّوكُم
वो फेर देंगे तुम्हें
after
بَعْدَ
बाद
your belief
إِيمَٰنِكُمْ
तुम्हारे ईमान के
(as) disbelievers
كَٰفِرِينَ
काफ़िर (बनाकर)

Ya ayyuha allatheena amanoo in tutee'oo fareeqan mina allatheena ootoo alkitaba yaruddookum ba'da eemanikum kafireena (ʾĀl ʿImrān 3:100)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! यदि तुमने उनके किसी गिरोह की बात माल ली, जिन्हें किताब मिली थी, तो वे तुम्हारे ईमान लाने के पश्चात फिर तुम्हें अधर्मी बना देंगे

English Sahih:

O you who have believed, if you obey a party of those who were given the Scripture, they would turn you back, after your belief, [to being] unbelievers. ([3] Ali 'Imran : 100)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमान वालों अगर तुमने अहले किताब के किसी फ़िरके क़ा भी कहना माना तो (याद रखो कि) वह तुमको ईमान लाने के बाद (भी) फिर दुबारा काफ़िर बना छोडेंग़े