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قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِكُمْ سُنَنٌۙ فَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِيْنَ   ( آل عمران: ١٣٧ )

Verily
قَدْ
तहक़ीक़
passed
خَلَتْ
गुज़र चुके
from
مِن
तुम से पहले
before you
قَبْلِكُمْ
तुम से पहले
situations
سُنَنٌ
कई तरीक़े
then travel
فَسِيرُوا۟
तो चलो फिरो
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and see
فَٱنظُرُوا۟
फिर देखो
how
كَيْفَ
किस तरह
was
كَانَ
हुआ
(the) end
عَٰقِبَةُ
अन्जाम
(of) the deniers
ٱلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों का

Qad khalat min qablikum sunanun faseeroo fee alardi faonthuroo kayfa kana 'aqibatu almukaththibeena (ʾĀl ʿImrān 3:137)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुमसे पहले (धर्मविरोधियों के साथ अल्लाह की) रीति के कितने ही नमूने गुज़र चुके है, तो तुम धरती में चल-फिरकर देखो कि झुठलानेवालों का परिणाम हुआ है

English Sahih:

Similar situations [as yours] have passed on before you, so proceed throughout the earth and observe how was the end of those who denied. ([3] Ali 'Imran : 137)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तुमसे पहले बहुत से वाक़यात गुज़र चुके हैं पस ज़रा रूए ज़मीन पर चल फिर कर देखो तो कि (अपने अपने वक्त क़े पैग़म्बरों को) झुठलाने वालों का अन्जाम क्या हुआ