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وَاِنَّ مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَمَنْ يُّؤْمِنُ بِاللّٰهِ وَمَآ اُنْزِلَ اِلَيْكُمْ وَمَآ اُنْزِلَ اِلَيْهِمْ خٰشِعِيْنَ لِلّٰهِ ۙ لَا يَشْتَرُوْنَ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ ثَمَنًا قَلِيْلًا ۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ اَجْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ سَرِيْعُ الْحِسَابِ   ( آل عمران: ١٩٩ )

And indeed
وَإِنَّ
और बेशक
among
مِنْ
अहले किताब में से
(the) People
أَهْلِ
अहले किताब में से
(of) the Book
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
(are those) who
لَمَن
अलबत्ता जो
believe
يُؤْمِنُ
ईमान रखते हैं
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and what
وَمَآ
और जो
was revealed
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
to you
إِلَيْكُمْ
तरफ़ आपके
and what
وَمَآ
और जो
was revealed
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
to them
إِلَيْهِمْ
तरफ़ उनके
humbly submissive
خَٰشِعِينَ
ख़ुशू करने वाले हैं
to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
Not
لَا
नहीं वो बेचते
(do) they exchange
يَشْتَرُونَ
नहीं वो बेचते
[with] (the) Verses
بِـَٔايَٰتِ
आयात को
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
(for) a price
ثَمَنًا
क़ीमत
little
قَلِيلًاۗ
थोड़ी में
Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
for them
لَهُمْ
उनके लिए है
their reward
أَجْرُهُمْ
अजर उनका
(is) with
عِندَ
पास उनके रब के
their Lord
رَبِّهِمْۗ
पास उनके रब के
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) swift
سَرِيعُ
जल्द लेने वाला है
(in taking) the account
ٱلْحِسَابِ
हिसाब

Wainna min ahli alkitabi laman yuminu biAllahi wama onzila ilaykum wama onzila ilayhim khashi'eena lillahi la yashtaroona biayati Allahi thamanan qaleelan olaika lahum ajruhum 'inda rabbihim inna Allaha saree'u alhisabi (ʾĀl ʿImrān 3:199)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और किताबवालों में से कुछ ऐसे भी है, जो इस हाल में कि उनके दिल अल्लाह के आगे झुके हुए होते है, अल्लाह पर ईमान रखते है और उस चीज़ पर भी जो तुम्हारी ओर उतारी गई है, और उस चीज़ पर भी जो स्वयं उनकी ओर उतरी। वे अल्लाह की आयतों का 'तुच्छ मूल्य पर सौदा' नहीं करते, उनके लिए उनके रब के पास उनका प्रतिदान है। अल्लाह हिसाब भी जल्द ही कर देगा

English Sahih:

And indeed, among the People of the Scripture are those who believe in Allah and what was revealed to you and what was revealed to them, [being] humbly submissive to Allah. They do not exchange the verses of Allah for a small price. Those will have their reward with their Lord. Indeed, Allah is swift in account. ([3] Ali 'Imran : 199)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अहले किताब में से कुछ लोग तो ऐसे ज़रूर हैं जो ख़ुदा पर और जो (किताब) तुम पर नाज़िल हुई और जो (किताब) उनपर नाज़िल हुई (सब पर) ईमान रखते हैं ख़ुदा के आगे सर झुकाए हुए हैं और ख़ुदा की आयतों के बदले थोड़ी सी क़ीमत (दुनियावी फ़ायदे) नहीं लेते ऐसे ही लोगों के वास्ते उनके परवरदिगार के यहॉ अच्छा बदला है बेशक ख़ुदा बहुत जल्द हिसाब करने वाला है