وَرَسُوْلًا اِلٰى بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ ەۙ اَنِّيْ قَدْ جِئْتُكُمْ بِاٰيَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْ ۙاَنِّيْٓ اَخْلُقُ لَكُمْ مِّنَ الطِّيْنِ كَهَيْـَٔةِ الطَّيْرِ فَاَنْفُخُ فِيْهِ فَيَكُوْنُ طَيْرًاۢ بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚوَاُبْرِئُ الْاَكْمَهَ وَالْاَبْرَصَ وَاُحْيِ الْمَوْتٰى بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚوَاُنَبِّئُكُمْ بِمَا تَأْكُلُوْنَ وَمَا تَدَّخِرُوْنَ ۙفِيْ بُيُوْتِكُمْ ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَۚ ( آل عمران: ٤٩ )
Warasoolan ila banee israeela annee qad jitukum biayatin min rabbikum annee akhluqu lakum mina altteeni kahayati alttayri faanfukhu feehi fayakoonu tayran biithni Allahi waobrio alakmaha waalabrasa waohyee almawta biithni Allahi waonabbiokum bima takuloona wama taddakhiroona fee buyootikum inna fee thalika laayatan lakum in kuntum mumineena (ʾĀl ʿImrān 3:49)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और उसे इसराईल की संतान की ओर रसूल बनाकर भेजेगा। (वह कहेगा) कि मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक निशाली लेकर आया हूँ कि मैं तुम्हारे लिए मिट्टी से पक्षी के रूप जैसी आकृति बनाता हूँ, फिर उसमें फूँक मारता हूँ, तो वह अल्लाह के आदेश से उड़ने लगती है। और मैं अल्लाह के आदेश से अंधे और कोढ़ी को अच्छा कर देता हूँ और मुर्दे को जीवित कर देता हूँ। और मैं तुम्हें बता देता हूँ जो कुछ तुम खाते हो और जो कुछ अपने घरों में इकट्ठा करके रखते हो। निस्संदेह इसमें तुम्हारे लिए एक निशानी है, यदि तुम माननेवाले हो
English Sahih:
And [make him] a messenger to the Children of Israel, [who will say], 'Indeed I have come to you with a sign from your Lord in that I design for you from clay [that which is] like the form of a bird, then I breathe into it and it becomes a bird by permission of Allah. And I cure the blind [from birth] and the leper, and I give life to the dead – by permission of Allah. And I inform you of what you eat and what you store in your houses. Indeed in that is a sign for you, if you are believers. ([3] Ali 'Imran : 49)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और बनी इसराइल का रसूल (क़रार देगा और वह उनसे यूं कहेगा कि) मैं तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (अपनी नबूवत की) यह निशानी लेकर आया हूं कि मैं गुंधीं हुई मिट्टी से एक परिन्दे की सूरत बनाऊॅगा फ़िर उस पर (कुछ) दम करूंगा तो वो ख़ुदा के हुक्म से उड़ने लगेगा और मैं ख़ुदा ही के हुक्म से मादरज़ाद (पैदायशी) अंधे और कोढ़ी को अच्छा करूंगा और मुर्दो को ज़िन्दा करूंगा और जो कुछ तुम खाते हो और अपने घरों में जमा करते हो मैं (सब) तुमको बता दूंगा अगर तुम ईमानदार हो तो बेशक तुम्हारे लिये इन बातों में (मेरी नबूवत की) बड़ी निशानी है