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وَاَمَّا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا وَلِقَاۤئِ الْاٰخِرَةِ فَاُولٰۤىِٕكَ فِى الْعَذَابِ مُحْضَرُوْنَ  ( الروم: ١٦ )

But as for
وَأَمَّا
और रहे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and denied
وَكَذَّبُوا۟
और झुटलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
and (the) meeting
وَلِقَآئِ
और मुलाक़ात को
(of) the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत की
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग
in
فِى
अज़ाब में
the punishment
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
(will be) brought forth
مُحْضَرُونَ
हाज़िर रखे जाने वाले हैं

Waamma allatheena kafaroo wakaththaboo biayatina waliqai alakhirati faolaika fee al'athabi muhdaroona (ar-Rūm 30:16)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों और आख़िरत की मुलाक़ात को झुठलाया, वे लाकर यातनाग्रस्त किए जाएँगे

English Sahih:

But as for those who disbelieved and denied Our verses and the meeting of the Hereafter, those will be brought into the punishment [to remain]. ([30] Ar-Rum : 16)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर जिन लोगों के कुफ्र एख्तेयार किया और हमारी आयतों और आखेरत की हुज़ूरी को झुठलाया तो ये लोग अज़ाब में गिरफ्तार किए जाएँगे