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۞ مُنِيْبِيْنَ اِلَيْهِ وَاتَّقُوْهُ وَاَقِيْمُوا الصَّلٰوةَ وَلَا تَكُوْنُوْا مِنَ الْمُشْرِكِيْنَۙ  ( الروم: ٣١ )

Turning
مُنِيبِينَ
रुजूअ करने वाले (बनो)
to Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
and fear Him
وَٱتَّقُوهُ
और डरो उससे
and establish
وَأَقِيمُوا۟
और क़ायम करो
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
and (do) not
وَلَا
और ना
be
تَكُونُوا۟
तुम हो जाओ
of
مِنَ
मुशरिकों में से
the polytheists
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकों में से

Muneebeena ilayhi waittaqoohu waaqeemoo alssalata wala takoonoo mina almushrikeena (ar-Rūm 30:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसकी ओर रुजू करनेवाले (प्रवृत्त होनेवाले) रहो। और उसका डर रखो और नमाज़ का आयोजन करो और (अल्लाह का) साझी ठहरानेवालों में से न होना,

English Sahih:

[Adhere to it], turning in repentance to Him, and fear Him and establish prayer and do not be of those who associate others with Allah ([30] Ar-Rum : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी की तरफ रुजू होकर (ख़ुदा की इबादत करो) और उसी से डरते रहो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ो और मुशरेकीन से न हो जाना