اَوَلَمْ يَرَوْا اَنَّا نَسُوْقُ الْمَاۤءَ اِلَى الْاَرْضِ الْجُرُزِ فَنُخْرِجُ بِهٖ زَرْعًا تَأْكُلُ مِنْهُ اَنْعَامُهُمْ وَاَنْفُسُهُمْۗ اَفَلَا يُبْصِرُوْنَ ( السجدة: ٢٧ )
Do not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
they see
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
that We
أَنَّا
बेशक हम
drive
نَسُوقُ
चलाते हैं हम
water
ٱلْمَآءَ
पानी को
to
إِلَى
तरफ़ ज़मीन
the land
ٱلْأَرْضِ
तरफ़ ज़मीन
[the] barren
ٱلْجُرُزِ
बंजर के
then We bring forth
فَنُخْرِجُ
फिर हम निकालते हैं
thereby
بِهِۦ
साथ उसके
crops
زَرْعًا
खेती को
eat
تَأْكُلُ
खाते हैं
from it
مِنْهُ
उससे
their cattle
أَنْعَٰمُهُمْ
उनके मवेशी
and they themselves?
وَأَنفُسُهُمْۖ
और वो ख़ुद भी
Then do not
أَفَلَا
क्या भला नहीं
they see?
يُبْصِرُونَ
वो देखते
Awalam yaraw anna nasooqu almaa ila alardi aljuruzi fanukhriju bihi zar'an takulu minhu an'amuhum waanfusuhum afala yubsiroona (as-Sajdah 32:27)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उन्होंने देखा नहीं कि हम सूखी पड़ी भूमि की ओर पानी ले जाते है। फिर उससे खेती उगाते है, जिसमें से उनके चौपाए भी खाते है और वे स्वयं भी? तो क्या उन्हें सूझता नहीं?
English Sahih:
Have they not seen that We drive water [in clouds] to barren land and bring forth thereby crops from which their livestock eat and [they] themselves? Then do they not see? ([32] As-Sajdah : 27)