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لِيَجْزِيَ اللّٰهُ الصّٰدِقِيْنَ بِصِدْقِهِمْ وَيُعَذِّبَ الْمُنٰفِقِيْنَ اِنْ شَاۤءَ اَوْ يَتُوْبَ عَلَيْهِمْ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِيْمًاۚ   ( الأحزاب: ٢٤ )

That Allah may reward
لِّيَجْزِىَ
ताकि बदला दे
That Allah may reward
ٱللَّهُ
अल्लाह
the truthful
ٱلصَّٰدِقِينَ
सच्चों को
for their truth
بِصِدْقِهِمْ
उनकी सच्चाई का
and punish
وَيُعَذِّبَ
और वो अज़ाब दे
the hypocrites
ٱلْمُنَٰفِقِينَ
मुनाफ़िक़ों को
if
إِن
अगर
He wills
شَآءَ
वो चाहे
or
أَوْ
या
turn in mercy
يَتُوبَ
वो मेहरबान होजाए
to them
عَلَيْهِمْۚ
उन पर
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
Oft-Forgiving
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
Most Merciful
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला

Liyajziya Allahu alssadiqeena bisidqihim wayu'aththiba almunafiqeena in shaa aw yatooba 'alayhim inna Allaha kana ghafooran raheeman (al-ʾAḥzāb 33:24)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि इसके परिणामस्वरूप अल्लाह सच्चों को उनकी सच्चाई का बदला दे और कपटाचारियों को चाहे तो यातना दे या उनकी तौबा क़बूल करे। निश्चय ही अल्लाह बड़ी क्षमाशील, दयावान है

English Sahih:

That Allah may reward the truthful for their truth and punish the hypocrites if He wills or accept their repentance. Indeed, Allah is ever Forgiving and Merciful. ([33] Al-Ahzab : 24)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये इम्तेहान इसलिए था ताकि खुद सच्चे (ईमानदारों) को उनकी सच्चाई की जज़ाए ख़ैर दे और अगर चाहे तो मुनाफेक़ीन की सज़ा करे या (अगर वह लागे तौबा करें तो) खुदा उनकी तौबा कुबूल फरमाए इसमें शक नहीं कि खुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है