Skip to main content

وَاذْكُرْنَ مَا يُتْلٰى فِيْ بُيُوْتِكُنَّ مِنْ اٰيٰتِ اللّٰهِ وَالْحِكْمَةِۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ لَطِيْفًا خَبِيْرًا ࣖ   ( الأحزاب: ٣٤ )

And remember
وَٱذْكُرْنَ
और याद रखो
what
مَا
उसको जो
is recited
يُتْلَىٰ
पढ़ा जाता है
in
فِى
तुम्हारे घरों में
your houses
بُيُوتِكُنَّ
तुम्हारे घरों में
of
مِنْ
आयात में से
(the) Verses
ءَايَٰتِ
आयात में से
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
and the wisdom
وَٱلْحِكْمَةِۚ
और हिकमत में से
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
All-Subtle
لَطِيفًا
बहुत बारीक बीन
All-Aware
خَبِيرًا
ख़ूब बाख़बर

Waothkurna ma yutla fee buyootikunna min ayati Allahi waalhikmati inna Allaha kana lateefan khabeeran (al-ʾAḥzāb 33:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हारे घरों में अल्लाह की जो आयतें और तत्वदर्शिता की बातें सुनाई जाती है उनकी चर्चा करती रहो। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त सूक्ष्मदर्शी, खबर रखनेवाला है

English Sahih:

And remember what is recited in your houses of the verses of Allah and wisdom. Indeed, Allah is ever Subtle and Aware. ([33] Al-Ahzab : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ नबी की बीबियों) तुम्हारे घरों में जो खुदा की आयतें और (अक़ल व हिकमत की बातें) पढ़ी जाती हैं उनको याद रखो कि बेशक ख़ुदा बड़ा बारीक है वाक़िफकार है