مَا جَعَلَ اللّٰهُ لِرَجُلٍ مِّنْ قَلْبَيْنِ فِيْ جَوْفِهٖ ۚوَمَا جَعَلَ اَزْوَاجَكُمُ الّٰـِٕۤيْ تُظٰهِرُوْنَ مِنْهُنَّ اُمَّهٰتِكُمْ ۚوَمَا جَعَلَ اَدْعِيَاۤءَكُمْ اَبْنَاۤءَكُمْۗ ذٰلِكُمْ قَوْلُكُمْ بِاَفْوَاهِكُمْ ۗوَاللّٰهُ يَقُوْلُ الْحَقَّ وَهُوَ يَهْدِى السَّبِيْلَ ( الأحزاب: ٤ )
Ma ja'ala Allahu lirajulin min qalbayni fee jawfihi wama ja'ala azwajakumu allaee tuthahiroona minhunna ommahatikum wama ja'ala ad'iyaakum abnaakum thalikum qawlukum biafwahikum waAllahu yaqoolu alhaqqa wahuwa yahdee alssabeela (al-ʾAḥzāb 33:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने किसी व्यक्ति के सीने में दो दिल नहीं रखे। और न उसने तुम्हारी उन पत्ऩियों को जिनसे तुम ज़िहार कर बैठते हो, वास्तव में तुम्हारी माँ बनाया, और न उसने तुम्हारे मुँह बोले बेटों को तुम्हारे वास्तविक बेटे बनाए। ये तो तुम्हारे मुँह की बातें है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहता है और वही मार्ग दिखाता है
English Sahih:
Allah has not made for a man two hearts in his interior. And He has not made your wives whom you declare unlawful your mothers. And He has not made your claimed [i.e., adopted] sons your [true] sons. That is [merely] your saying by your mouths, but Allah says the truth, and He guides to the [right] way. ([33] Al-Ahzab : 4)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ख़ुदा ने किसी आदमी के सीने में दो दिल नहीं पैदा किये कि (एक ही वक्त दो इरादे कर सके) और न उसने तुम्हारी बीवियों को जिन से तुम जेहार करते हो तुम्हारी माएँ बना दी और न उसने तुम्हारे लिये पालकों को तुम्हारे बेटे बना दिये। ये तो फ़क़त तुम्हारी मुँह बोली बात (और ज़ुबानी जमा खर्च) है और (चाहे किसी को बुरी लगे या अच्छी) खुदा तो सच्ची कहता है और सीधी राह दिखाता है।